What is Share Market: आमतौर पर हम शेयर मार्केट के बारे में आए दिन खबरों और किसी जानकार के मुंह से सुनते रहते हैं, लेकिन यह बाजार क्या है और कैसे काम करता है? कैसे आप किसी कंपनी के शेयर खरीदकर प्रॉफिट बना सकते हैं? शेयर बाजार से जुड़े ऐसे ही कई सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस आर्टिकल में…  

Stock Exchange: इसे आम बोलचाल में शेयर बाजार कहा जाता है। यहां निवेशकों या व्यापारियों द्वारा सभी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज को खरीदा और बेचा जाता है। शेयर या कंपनी में हिस्सेदारी खरीदकर आप कंपनी में निवेश कर सकते हैं। जब कंपनी के शेयर का भाव बढ़ता है तो आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या के हिसाब से मुनाफा होता है। उदाहरण के लिए, आपने ABC कंपनी के शेयर खरीदे तो आप ABC के शेयरधारक बन जाते हैं। इससे आप जब चाहें शेयर बेच सकते हैं। यह मार्केट पूरी तरह से देश के इकोनॉमिकल, ग्लोबल इंडिकेटर्स, करेंसी रेट और रिजर्व बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है। भारत में NSE और BSE प्रमुख एक्सचेंज हैं।

Types of Share Market: भारत में दो प्रकार के शेयर बाजार हैं- प्राइमरी और सेकेंड्री

1. PRIMARY MARKET

प्राथमिक शेयर बाजार में एक कंपनी पहले धन जुटाने के लक्ष्य के साथ SEBI में रजिस्टर होती है और एक निश्चित मात्रा में शेयर जारी करती है। प्राइमरी स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक रूप से रजिस्टर होने का लक्ष्य फंड जुटाना है। अगर कंपनी पहली बार अपने शेयर बेचने का फैसला करती है, तो इसे Initial Public Offering (IPO) के रूप में जाना जाता है। कोई भी निजी या सरकरी कंपनी पब्लिक ऑफरिंग के जरिए Primary Market में शेयर जारी कर फंड जुटा सकती है। Read More: IPO क्या होता है, कोई कंपनी Share Market में कैसे होती है लिस्ट


2. SECONDARY MARKET

प्राइमरी मार्केट में खरीदे गए शेयरों को सेकेंड्री मार्केट में बेचा जा सकता है। सेकेंड्री मार्केट एक ऐसा मंच है, जहां Investors के बीच कंपनियों के शेयरों का कारोबार होता है। इसका मतलब है कि निवेशक कंपनी के हस्तक्षेप के बिना शेयरों को मनचाहे मूल्य पर खरीद और बेच सकते हैं। निवेशकों के बीच इस लेन-देन में धारक कंपनी इनकम जनरेशन में शामिल नहीं होती है।

IMPORTANCE OF SHARE MARKET:
शेयर बाजार कंपनियों के विस्तार के लिए कैपिटल जुटाने में मददगार होता है। आईपीओ के जरिए कंपनियां जनता को शेयर जारी करती हैं और विभिन्न उद्देश्यों के लिए पैसे जुटाती हैं। आईपीओ की प्रॉसेस पूरी होने के बाद कंपनी का शेयर स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE या BSE में रजिस्टर हो जाता है। इसके बाद आम निवेशक को कंपनी में इन्वेस्टमेंट का मौका मिल जाता है। आप जरूरत के मुताबिक कभी भी शेयर खरीद या बेच सकते हैं। यानी Financial Assets को जब चाहें नकदी में बदल पाएंगे। यह हमें वेल्थ बढ़ाने का सुनहरा अवसर देता है।

शेयरों में निवेश करें और बढ़ाएं पैसा

  1. लाभांश (Dividend)
    यह वह मुनाफा है जो कंपनी कमाती है और इसे अपने शेयरधारकों के बीच नकद के रूप में बांटती है।
    आपके स्वामित्व वाले शेयरों की संख्या के आधार पर इसका फायदा मिलता है। डिविडेंड कितना मिलेगा, यह कंपनी बोर्ड निर्धारित करता है।
  2. पूंजी में बढ़ोतरी (Capital Growth)
    Equity या शेयर में निवेश से आपकी पूंजी बढ़ती है। निवेश की अवधि जितनी लंबी होगी, रिटर्न भी उतना ही अच्छा मिलता है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ भी जुड़ा होता है। यहां जोखिम लेने की क्षमता आपकी उम्र, पारिवारिक जिम्मेदारी और जरूरतों पर आधारित है।
  3. बायबैक (BUYBACK)इसमें कंपनी शेयर के बाजार मूल्य से अधिक मूल्य देकर निवेशकों से अपना हिस्सा वापस खरीद लेती है। ऐसा करके कंपनी अपने स्वामित्व को मजबूत करना चाहती है। इस प्रक्रिया में भी फायदा निवेशकों को होता है। 

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